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बुधवार, 1 सितंबर 2010
हमारी शर्म
इरशाद अहमद पररय कि मौत एक लम्बी श्रृंखला की वह दर्दनाक कड़ी है जिसके आगे हम शर्मशार हैं.हमने लम्बे संघर्ष के बाद आजादी तो हासील कर ली और तरक्की भी खूब की ,पर हम इतने लाचार हैं कि अपने बच्चों को जरूरी सुविधा और सुरक्षा भी नहीं दे पाते .
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