बीमारी से नहीं मरते बच्चे
वो मरते हैं
मरी हुई व्यवस्था के विष से.
अस्पताल में दाखिल होने के
बहुत पहले
अपनी कुंठा, गरीबी और लाचारी
को जब लाद देते हैं
उनके अविकसित पुट्ठे पर
अपनी मरी हुई आकांक्षाओं के बोझ तले
नहीं देख पाते हम टूट टूट कर बिखरता
वह अनमना फूल.
बीमारी नहीं
उसे मारते हैं हम
अपनी नाकामी से.
-सुधा.
Uff hum samjh sakein....
जवाब देंहटाएंशुक्रिया
हटाएंAur logo me nakami kaise aati hai
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